मैं 10-14 मार्च तक तीन देशों - सेशल्‍स,मॉरिशस और श्रीलंका की अपनी यात्रा का बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। इनमें से प्रत्‍येक देश के साथ हमारे मजबूत, बहुआयामी और महत्‍वपूर्ण संबंध हैं और वे सभी हमारी विदेश नीति में महत्‍वपूर्ण स्‍थान रखते हैं।

हिंद महासागर से सटे इन तीनों देशों की मेरी यह यात्रा निकटवर्ती और विस्‍तृत पड़ोसियों से संबद्ध हमारी विदेश नीति की प्राथमिकताओं को परिलक्षित करती है। भारत इस क्षेत्र के साथ संबंध मजबूत बनाने को सर्वोच्‍च महत्‍व प्रदान करता है, जो उसकी सुरक्षा और प्रगति के लिए आवश्‍यक है।

मेरा पहला पड़ाव सेशल्‍स होगा। सेशल्‍स के साथ भारत के रिश्‍ते आपसी विश्‍वास और साझा मूल्‍यों की बुनियाद पर टिके हैं। इस देश की मेरी यात्रा 1981 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली सेशल्‍स यात्रा होगी। मैं राष्‍ट्रपति जेम्‍स माइकल से मुलाकात करने का बेताबी से इंतजार कर रहा हूं, जो भारत के महान मित्र हैं।

11-12 मार्च को मेरा प्रवास मॉरिशस में होगा। मैं 12 मार्च को मॉरिशस के स्‍वाधीनता दिवस समारोह के अवसर पर मुख्‍य अतिथि के रूप में निमंत्रण पाकर खुद को बहुत सम्‍मानित महसूस कर रहा हूं, क्‍योंकि यह दिन सभी भारतवासियों के बहुत खास है। सन् 1930 में इसी दिन महात्‍मा गांधी ने दांडी यात्रा शुरू की थी। मॉरिशस की मेरी यात्रा का लक्ष्‍य ‘छोटा भारत’ के साथ प्राचीन सभ्‍यता से चले आ रहे हमारे संबंधों को प्रगाढ़ बनाना है।

मुझे मॉरिशस की नेशनल असेम्‍बली को संबोधित करने का निमंत्रण पाप्‍त करने का सम्‍मान प्राप्‍त हुआ है। मैं भारत में निर्मित अपतटीय गश्‍ती पोत बाराकुडा की ज्‍वाइंट कमिशनिंग और विश्‍व हिंदी सचिवालय की इमारत के निर्माण कार्य के प्रारम्‍भ के अवसर पर मौजूद रहूंगा।

हमारी रणनीतिक भागीदारी को मजबूत बनाने के तरीकों के बारे में प्रधानमंत्री सर अनिरुद्ध जगन्‍नाथ के साथ चर्चा करने का मैं इंतजार कर रहा हूं। मैं मॉरिशस के पूरे राजनीतिक नेतृत्‍व के साथ मुलाकात करने की प्रतीक्षा कर रहा हूं, जिसने इन संबंधों को उदारतापूर्वक समर्थन दिया है।

श्रीलंका की मेरी यात्रा, 1987 के बाद पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री की श्रीलंका यात्रा है। राष्‍ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना की पिछले महीने की भारत यात्रा के बाद महीने भर के भीतर यह हमारा दूसरा समिट है।

इस यात्रा को मैं हमारे संबंधों को – राजनीतिक, रणनीतिक, आर्थिक, सांस्‍कृतिक और सबसे बढ़कर जनता के बीच आपसी संपर्क को और प्रगाढ़ बनाने के अवसर के रूप में देख रहा हूं।

यह यात्रा पड़ोसी देशों के साथ निरंतर सम्‍पर्क बनाए रखने के मेरे उद्देश्‍य का अंग भी है। मैं अपने सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण पड़ोसियों में से एक की यात्रा का अवसर पाकर प्रसन्‍न हूं।

मैं राष्‍ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ आपसी संबंधों के बारे में चर्चा करने की प्रतीक्षा कर रहा हूं। मैं श्रीलंका के अन्‍य राजनीतिक नेताओं से भी मुलाकात की प्रतीक्षा कर रहा हूं। हम दोनों देशों के बीच नई भागीदारी कायम करने की दिशा में मिलकर कार्य करेंगे।

श्रीलंका की संसद को संबोधित करने का आमंत्रण प्राप्‍त करके मैं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मेरे कार्यक्रम में हमारे कालातीत संबंधों के कुछ बहुत महत्‍वपूर्ण प्रतीक शामिल हैं।

मैं कोलम्‍बो में महाबोधि सोसायटी जाऊंगा और अनुराधापुरा, तलइमन्‍नार एवं जाफना की यात्रा करूंगा और समाज के विभिन्‍न वर्गों के साथ संपर्क करूंगा। मैं जाफना में जाफना सांस्‍कृतिक केंद्र की आधारशिला रखूंगा, जो ऐतिहासिक जाफना पब्लिक लाइ्ब्रेरी के समीप है।

मुझे यकीन है कि हमेशा से महत्‍वपूर्ण रहे इस क्षेत्र –जिसे हम हिंद महासागर कहते हैं, में स्थित इन तीनों देशों की मेरी यात्रा से उनके सा‍थ हमारे संबंधों को नया बल मिलेगा।