मैं सार्क देशों के भाईयों और बहनों तथा पड़ोसी देशों के खिलाड़ियों के बीच आकर अपने को सम्मानित महसूस कर रहा हूं: प्रधानमंत्री मोदी
गुवाहाटी अब आधुनिक और व्यावसायिक शहर तथा भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र बन चुका है
यह खेल टीमवर्क, एकजुटता और प्रतिभा, तीनों का बेहतरीन मिश्रण है: प्रधानमंत्री
दक्षिण एशियाई खेल सभी दक्षिण एशियाई देशों की एकजुटता को दर्शाते हैं: प्रधानमंत्री मोदी
खेल के बिना व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास अधूरा है। खेलों से महत्वपूर्ण खेलभावना पैदा होती है: प्रधानमंत्री
दक्षिण एशिया का मेरा वही विज़न है जो विज़न मेरा भारत का है - सबका साथ, सबका विकास: प्रधानमंत्री
सभी दक्षिण एशियाई देश विकास की दिशा में हमारी यात्रा में सहभागी हैं: प्रधानमंत्री

मैं सार्क देशों के भाईयों और बहनों तथा पड़ोसी देशों के खिलाड़ियों के बीच आकर अपने को सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं भारत में आप सबका स्वागत करता हूं। भारत ‘अतिथि देवो भव’ की संस्कृति के लिए जाना जाता है। मैं आथित्य और खेल प्रेमी के रूप में प्रसिद्ध गुवाहाटी के सुंदर शहर में आपका स्वागत करता हूं।

मैं विशाल ब्रह्मपुत्र के तट पर आयोजित होने वाले इस महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन में हर्ष और ऊर्जा से भरपूर आपकी उपस्थिति से अभिभूत हूं।

गुवाहाटी प्राचीन भारत में प्रज्ञज्योतिषपुर के रूप में जाना जाता था और उसने तब से बहुत प्रगति कर ली है। अब यह आधुनिक और जीवन्त शहर तथा भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र बन चुका है।

पूर्वोत्तर और खास तौर से असम के युवा एक बेहतरीन फुटबाल मैच देखने का अवसर कभी नहीं खोते। यह प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैल चुकी है और वर्ष 2017 में भारत में पहली बार गुवाहाटी में फीफा विश्वकप अंडर-17 का आयोजन किया जाने वाला है।

खेलों से मुझे 3-टी का महत्व समझ में आता है। ये 3-टी हैं- टैलेंट, टीमवर्क और टुगेदरनेस। हमारे बीच पूरे दक्षिण एशिया के बेहतरीन और प्रतिभा से भरे युवा मौजूद हैं। आप अपने दल के गौरवशाली सदस्य हैं। आप अपने खेल की टीम के साथ खेलेंगे और अपने देश का भी प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके साथ ही इस आयोजन से दक्षिण एशियाई देशों की एकता भी परिलक्षित होती है। हम चाहे अफगानिस्तान के हों या बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के हों, लेकिन हमारा घर दक्षिण एशिया है।

खेलों को जीवन का अभिन्न अंग होना चाहिए। अच्छा खेल स्वास्थ्यवर्धक भी होता है और उससे ताजगी भी आती है। व्यक्तित्व का आमूल विकास खेलों के बिना अधूरा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खेलों से महत्वपूर्ण खेलभावना पैदा होती है। बिना खेलों के खेल भावना नहीं आ सकती। यह खेल भावना आपको केवल मैदान में ही सहायता नहीं करेगी, बल्कि जीवन के हर पक्ष में आपको इससे मदद मिलेगी। आप खेल के मैदान में जो कुछ भी सीखते हैं, वह आपके पूरे जीवन के लिए होता है। मैं हमेशा कहता हूं- जो खेले वह खिले।

इन खेलों का शुभंकर ‘तिखोर’ है, जो गैंडे के एक चपल और बुद्धिमान बच्चे का प्रतिनिधित्व करता है। उसमें खिलाड़ियों और युवा खेलप्रेमियों की खेल भावना सन्निहित है।

इन खेलों का थीम गीत 'ई पृथ्बी एकोन क्रीड़ांगन, क्रीड़ा होल शांतिर प्रांगण’ विश्व प्रसिद्ध दिवंगत संगीतकार भूपेन हजारिका के स्वर में है।

भूपेन हजारिका का मोहित करने वाला स्वर लोगों को विस्मृत कर देता है; उनके गीत में दक्षिण एशियाई खेलों की शांति, मित्रता एवं समृद्धि की भावना मौजूद है।

मुझे श्री सर्बानंद सोनोवाल जी ने बताया कि खेलों की आयोजक समिति ने आठों सार्क देशों में से प्रत्येक देश से जल एकत्र किया था और इस जल को सार्क राष्ट्रों की साझा आकांक्षा और सहयोगी भावना को व्यक्त करने के लिए आपस में मिलाया जाएगा।

डॉ. भूपेन हजारिका का गीत, ‘’हम एक ही नाव में सवार बंधु हैं’’ जिसे आप शीघ्र ही सुनने जा रहे हैं सभी सार्क देशों के बारे में है । हमें एक परिवार की तरह से हाथ मिलाने चाहिए। आइए हम दक्षिण एशियाई गेम्‍स में खेलों मे माध्‍यम से भ्रातृत्‍व की भावना को जगाना चाहिए।

दक्षिण एशिया के लिए मेरी अभिकल्‍पना भी मेरी भारत की अभिकल्‍पना-सबका साथ, सबका विकास- के समान है। सभी दक्षिण एशियाई देश विकास की दिशा में हमारी यात्रा में सहभागी हैं।

सार्क देशों में रहने वाले हम लोग विश्‍व की जनसंख्‍या का 21 प्रतिशत हैं और इसकी अर्थव्‍यवस्‍था में करीब 9 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

जैसा कि आज हम 12वें दक्षिण एशियाई खेलों का शुभारंभ करने और पुरष और महिला दोनों खिलाड़ियों की 23 खेल प्रतिस्‍पर्धाओं को कवर करने के लिए एकत्र हुए हैं, हमने सभी सार्क देशों से खिलाड़ियों को भारत के पूर्वोत्‍तर और इस शानदार शहर में मित्रता, विश्‍वास और समझबूझ की भावना के साथ आमंत्रित किया है।

मुझे विश्‍वास है कि मित्रता, विश्‍वास और आपसी समझबूझ की यह भावना खेल से आगे बढ़कर न सिर्फ खेल अवसरों बल्‍कि व्‍यापार और पर्यटन अवसरों में परिवर्तित होगी।

आइए इन खेलों को इस क्षेत्र में व्‍यापार, वार्तालाप और खेल गतिविधियों के माध्‍यम से शांति और समृद्धि लाने का एक उत्‍साहवर्धक मंच बनाते हैं। आइए इसे सार्क लोगों को अपनी क्षमता का अनुभव करने का एक अवसर बनाते हैं।

खेल भावना जीवन का एक दर्शन है जो धैर्य, इच्‍छाशक्‍ति और मन में संतुलित तालमेल करती है। प्रदर्शन की चुनौती, प्रयास की खुशी, मित्रता और खेल में निष्‍पक्षता की भावना यह दर्शाती है कि इस प्रकार की खेल प्रतिस्‍पर्धाओं के दौरान किस प्रकार से संस्‍कृति, शिक्षा, नैतिकता, मर्यादा और समाज एक दूसरे के साथ बँधे होते हैं।

खेल के मैदान पर, हम यह भूल सकते हैं कि हमे क्‍या अलग करता है और हम खेल और साहस की भावना के साथ एक दूसरे से सही मायने में जुड़ सकते हैं।

हम अपनी विविधता का जश्‍न मना सकते हैं और एक ही समय में अपने खेलों के समान नियमों के अंतर्गत एकजुट हो सकते हैं और ईमानदारी और निष्‍पक्ष खेल के मूल्‍यों को साझा कर सकते हैं।

आईए हम शांति के लिए खेलते हैं, हम समृद्धि के लिए खेलते हैं, हम पूरे जोश और उत्‍साह के साथ खेलते हैं ताकि हम खेलों के समापन के बाद भी इन खेलों की याद बनी रहे।

इन 12 दिनों में जो मित्रता आप बनाएंगे और जो यादें आप अपने साथ ले जाएंगे जीवनभर आपके साथ रहेगीं।

मुझे विश्‍वास है कि आप इन संबंधों को याद रखेंगे और हमारे देशों के बीच मित्रता के राजदूत बनेंगे।

हालांकि लोग पदकों के लिए खेलते हैं और एक दूसरे को कड़ी प्रतिस्‍पर्धा प्रदान करते हैं, मैं खिलाड़ियों और आगुतुकों से आग्रह करता हूँ कि वे अपने व्‍यस्‍त कार्यक्रम में से समय निकालकर निकट के पर्यटन आकर्षण और अद्भुत वन्‍यजीव अभयारण्‍यों के स्‍थलों की यात्रा करें।

एक बार पुन: मैं सार्क देशों से आए अपने मित्रों का स्‍वागत करता हूँ। एक दूसरे के साथ अपनी सर्वश्रेष्‍ठ खेलभावना के रूप में गुवाहाटी में दो सप्‍ताह के लिए ‘’गुरूकुल’’ की भावना को प्रबल करें और अपने साथ उत्‍साहजनक एवं उल्‍लेखनीय अनुभव लेकर वापस जाएं।

प्रतिस्‍पर्धा को एक सच्‍ची खेल भावना के साथ खेलते हुए सर्वश्रेष्‍ठ को विजेता बनाए।

मैं 12वें दक्षिण एशियाई खेलों के शुभारंभ की घोषणा करता हूँ। .