अध्यक्ष महोदया, श्रीमती सांति बाई हनुमानजी। प्रधानमंत्री सर अनिरूद्ध जगन्नाथ जी। विपक्ष के नेता, श्री पॉल बेरेंजेर। सदस्य गण,
मॉरीशस के स्वतंत्रता दिवस पर मेरी हार्दिक बधाई। किसी राष्ट्रीय एसेंबली को संबोधित करने को सदैव बड़ा सम्मान माना जाता है। मगर इतिहास और संस्कृति के गहरे संबंधों को साझा करने वाले देश की जनता की और एक ऐसे देश जिसे मित्र और भागीदार कहते हुए हमें गर्व होता है उसकी एसेंबली को संबोधित करना सचमुच एक विशेष अवसर है।
इस एसेंबली में आपके राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर उपस्थित होना मेरे लिए एक सौभाग्यशाली क्षण है।
स्वतंत्रता दिवस पर हम न केवल स्वतंत्र होने का जश्न मनाते हैं अपितु स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए किए गए संघर्षों और बलिदानों का स्मरण भी करते हैं। आज का दिन भारत के स्वंतत्रता संग्राम के इतिहास में विशेष महत्व रखता है।
1930 में आज ही के दिन महात्मा गांधी ने दांडी मार्च की शुरूआत की थी।
और इससे भारत अपने स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाकर आगे बढ़ा।
आपके राष्ट्रीय दिवस से महात्मा गांधी को भी सम्मान मिलता है और यह दोनों देशों के बीच भावनात्मक संबंधों का आधार भी है।
मॉरीशस के स्वतंत्रता संग्राम के कुशल नेतृत्व के लिए मैं आज सर शिवसागर रामगुलाम और उनके दर्शन तथा दोनों देशों के बीच भागीदारी के विकास में उनके नेतृत्व को नमन करता हूं।
मैं आज यहां हमारे संबंधों के आयोजन के लिए नहीं अपितु उपलब्धियों की सराहना के लिए उपस्थित हूं।
विश्व में कई ऐसे देश हैं जहां स्वतंत्रता का उल्लास धीमा होकर दिशा भ्रम की निराशा में दब गया।
मॉरीशस में मगर स्वतंत्रता की आशाएं और वायदे दिन ब दिन उज्जवल हुए हैं।
मॉरीशस लोकतंत्र के उज्जवल दीप की तरह खड़ा रहा है।
मॉरीशस 10 लाख से अधिक बेहद सद्भाव में रह रहे विविध संस्कृति वाले लोगों का देश है।
यह एक ऐसा देश है जो मजबूती से समृद्धि के मार्ग पर बढ़ रहा है।
मैंने मॉरीशस द्वारा स्मार्ट विकल्प चुनने और परिश्रम तथा उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने की सदैव प्रशंसा की है। इसने कृषि अर्थव्यवस्था की बजाय अब मध्य आय और विविध अर्थव्यवस्था का रूप लिया है और इसने वस्त्र और पर्यटन क्षेत्र के अवसरों का दोहन किया है और अब यह वित्त और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है।
भारत के लोगों की कई पीढि़यों ने पहले अनिश्चित नये जीवन की अनिश्चित रास्ते पर अनजान क्षेत्र में यात्रा की शुरूआत की थी।
उन्होंने अपने जीवन को नये स्थान पर स्थापित किया और शिवरात्रि तथा कावड़, होली के रंगों और ईद के उल्लास, वर्षा के स्वागत के गीतों और फसलों के जश्न में नृत्यों के अलावा हिमालय और गंगा की स्मृतियों को जीवित रखा।
वे आज मॉरीशस के गौरवशाली नागरिक हैं और सफलता में योगदान देकर यहां देश की गतिशीलता में फल फूल रहे हैं।
यह द्वीप उनकी संरक्षित आस्था और संस्कृति से बंधा है। फिर भी वे विश्व के अन्य भागों से आने वाली लहरों और हवाओं से विकसित जीवनशैली के साथ भी आसानी से रिश्ता बनाये हुए है।
मुझे आज सुबह गंगा तालाब जाने का शुभ अवसर मिला। वहां जाकर मुझे अपने संसदीय क्षेत्र बनारस की गंगा के घाटों के साथ अपना निजी लगाव भी महसूस हुआ।
और मैंने दिलों के उस सशक्त संपर्कों को महसूस किया जो इस शानदार देश में काल और दूरी के बावजूद स्थाई बने हुए हैं।
यह संपर्क आज हमारे संबंधों की मजबूत बुनियाद हैं। इनसे ऐसी सद्भाव और स्फूर्ति बनी है जो अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में महसूस करना बहुत मुश्किल है। इनसे हमारे आपसी विश्वास की अटूट श्रृंखला का भी विकास हुआ है।
हमें आज समान रूप से ऐसे संबंध पर गर्व है जो हमारे समय की आवश्यकताओं के अनुरूप है। हम साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के सुखद आभास के कारण एक-दूसरे से जुड़े हैं। हम दोनों देशों की आर्थिक प्रगति में भागीदार हैं। हम हिंद महासागर में सुरक्षा को बढ़ाने की जिम्मेदारी कंधे से कंधा मिलाकर साझा करते हैं। हम विकासशील विश्व और अपने ग्रह- पृथ्वी के भविष्य के हित में एक ही सुर में बोलते हैं।
मैं मॉरीशस को हिंद महासागर समुदाय के अगुआ और अफ्रीका के साथ सेतु के रूप में देखते हैं।
आपके नेतृत्व से विश्व में हिंदी को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है।
भारत मॉरीशस का अपने यहां विश्व हिंदी सचिवालय स्थापित करने के लिए धन्यवाद करता है।
अध्यक्ष महोदया, यह हमारी विरासत की दौलत है। यह हमारी भागीदारी की समृद्धता है।
पिछले वर्ष दोनों देशों में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता का हस्तांतरण हुआ। दोनों देशों के लिए दो बातें समान हैं।
दोनों देशों में लंबे समय के बाद किसी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला।
और यह संयोग और रूचि की बात है कि दोनों देशों की संसद में अध्यक्ष का पदभार महिला को मिला है।
हमें मालूम है कि लोकतांत्रिक परिवर्तनों से हमारे संबंधों की मजबूती में कोई अंतर नहीं आ सकता।
हमारे पास आज एक ऐसा अनूठा अवसर है जो दोनों देशो में आर्थिक विकास में तेजी लाने का स्थिर मंच है।
पिछले नौ महीनों के दौरान, हम भारत में समावेशी विकास की स्पष्ट दृष्टि की ओर बढ़े हैं।
हमने आर्थिक विकास को बढ़ाने; अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार लाने और हमारे नागरिकों के जीवन को बदलने; सुदूर क्षेत्रों के गांवों और किसानों, सर्वाधिक वंचित युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करने के लिए तेजी, संकल्प, नवाचार और निर्भीकता के साथ काम किया है।
मुझे भरोसा है कि प्रधानमंत्री जगन्नाथ के नेतृत्व में मॉरीशस में विकास और अधिक प्रभावशाली बनेगा।
और, मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम हमेशा आपके साथ रहेंगे- आपके प्रयासों के समर्थन में और आपकी कामयाबी के जश्न में।
कल मैंने प्रधानमंत्री जगन्नाथ को कहा कि हम आपकी अर्थव्यवस्था के लिए विदेश स्थित बैंकिंग सेक्टर के महत्व को समझते हैं। हम भारत पर इस निर्भरता को लेकर जागरूक हैं। हम अपने दोहरे कर वंचन समझौते के दुरूपयोग को रोकने के लिए अपने साझा उद्देश्य के साथ मिलकर काम करेंगे। मैं आपको आपके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। लेकिन, मैं आपको यह भी भरोसा दिलाता हूं कि हम अपने सबसे घनिष्ठ रणनीतिक साझेदारों में से एक इस गतिशील क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने का कोई काम नहीं करेंगे।
मॉरीशस के लिए एक विकास साझेदार बनना बड़ा विशेषाधिकार रहा है। हम आपकी इच्छाओं के अनुरूप और अधिक करने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे।
कल, हमने मॉरीशस में नागरिक परियोजनाओं के विकास के लिए 500 मिलियन डॉलर के नये ऋण की घोषणा की। प्रधानमंत्री श्री वाजपेयी ने 2003 में मॉरीशस में पहली साइबर सिटी के निर्माण में सहयोग दिया था। वह हमारी जीवंत आर्थिक साझेदारी का एक प्रतीक बन गया है। मैं मॉरीशस में दूसरी साइबर सिटी के लिए अपने समर्थन की घोषणा करते हुए प्रसन्नता महसूस कर रहा हूं।
हालांकि हम सूचना प्रौद्योगिकी की बात कर रहे हैं, मॉरीशस में ई-हेल्थ एक सराहनीय पहल है। और हम इसके विकास को समर्थन देकर प्रसन्न होंगे।
हम मॉरीशस की पेट्रोलियम की जरूरतों की पूर्ति के लिए उसका साझेदार बनने पर गर्व का अनुभव कर रहे हैं। हम यहां पेट्रोलियम भंडारण केन्द्र का निर्माण करने की एक नई परियोजना की शुरूआत कर रहे हैं। यह एक क्षेत्रीय आर्थिक केन्द्र के रूप में मॉरीशस की स्थिति को और मजबूत बनाएगा।
मॉरीशस ने मत्स्य पालन से लेकर पर्यटन तक इसकी समुद्री अर्थव्यवस्था के विकास में गहरी दृष्टि प्रदर्शित की है।
भारत भी समुद्रों पर काफी निर्भर है। हम अपनी समुद्री अर्थव्यवस्था को विकसित करने और नई संभावनाओं की तलाश करने का प्रयास कर रहे हैं। हम इसे एक टिकाऊ तरीके से कर रहे हैं, जो हमारे समुद्रों की जटिल पारिस्थितिकी प्रणाली को संरक्षित करता है। वास्तव में, समुद्रों में हमारी समृद्धि को आगे बढ़ाने और विश्व की चुनौतियों का सामना करने की विशाल संभावनाएं हैं।
यही वजह है कि मैं अपने राष्ट्रीय ध्वज में नीले चक्र को नीली क्रांति के एक प्रतीक के रूप में देखता हूं; जैसे केसरिया रंग ऊर्जा क्रांति का, श्वेत दुग्ध क्रांति का और हरा रंग हरित क्रांति का प्रतिनिधित्व करता है।
यह हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। हम आपसे सीख सकते हैं। एक साथ मिलकर हम अपनी समुद्री परिस्थितिकी और नये अवसरों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। हम ज्यादा टिकाऊ कार्यों के लिए अपनी क्षमता को और बेहतर बना सकते हैं।
हमारी साझेदारी में जलवायु परिवर्तन की चुनौती भी अनिवार्य रूप से शामिल होनी चाहिए। भारत के लिए यह एक अभियान है, जिसे हम पूरी तरह नये स्तर और आवश्यकता के एक नये भाव के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। हमने 2022 तक सौर ऊर्जा के 100 गिगावाट तथा पवन ऊर्जा के 60 गिगावाट का एक महत्वकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। हम अपनी ऊर्जा कुशलता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाना चाहेंगे, जो ऊर्जा का सबसे स्वच्छ रूप हो।
यह विकल्प भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता से, साथ ही हमारे सिद्धांतों से भी प्रेरित है। और मेरे लिए यह एक विश्वास की बात है।
हमने विरासत में एक प्राचीन परंपरा और बुद्धिमता प्राप्त की है, जिसने प्रकृति के संरक्षण को एक पवित्र कार्य बना दिया है; जो धरती को एक मां की तरह पूजता है; और जो प्रकृति के शोषण को एक अपराध मानता है।
मॉरीशस जलवायु परिवर्तन पर एक अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय आवाज रहा है, न केवल द्वीपीय राज्यों का बल्कि हमारे सामूहिक भविष्य का भी पक्षधर रहा है। हम जलवायु परिवर्तन के खिलाफ
अधिक ठोस वैश्विक कार्रवाई के लिए आपके साथ काम करने की उम्मीद करते हैं।
अगर हम शांति, सुरक्षा और हमारे विश्व में स्थिरता को लेकर आश्वस्त हैं तो हम एक टिकाऊ और समृद्ध भविष्य के सपनों को साकार कर सकते हैं।
भारत और मॉरीशस में हमारी नियति हिंद महासागर की धाराओं के साथ जुड़ी है।
हमारी सुरक्षा साझेदारी हमारे संबंधों के लिए एक मजबूत स्तंभ रही है। और यह कठिन समय में भी अडिग रही है।
इसका आधार असाधारण आपसी भरोसे और विश्वास पर टिका है
इसकी जड़ें एक-दूसरे के प्रति उत्तरदायित्वों में निहित हैं, जो हमारी मैत्री में स्वाभाविक रूप से प्रदर्शित होती है।
यह हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और समृद्धि को लेकर हमारी साझी प्रतिबद्धता से उत्पन्न होता है।
जैसे मॉरीशस द्वीपों और जलीय क्षेत्रों को ज्यादा सुरक्षित बनाने का प्रयास करता है; जैसे आप अपने विशाल विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र को संरक्षित करने का प्रयास करते हैं, हम हमेशा आपकी सहायता के लिए तत्पर रहेंगे।
हम अपने सहयोग को और मजबूत बनायेंगे और अपनी सक्षमताओं को मजबूती प्रदान करने के लिए हर संभव कार्य करेंगे। आज बाराकुड़ा का आपकी राष्ट्रीय तटरक्षक सेवा में जलावतरण करने का मुझे सम्मान प्राप्त होगा।
मॉरीशस का राष्ट्रीय ध्वज सम्मान से लहराते हुए आज यह हमारी दोस्ती के प्रतीक के रूप में समुद्र यात्रा करेगा।
आपने हम में जो विश्वास जताया है, उसके लिए भारत आभारी है। मॉरीशस, हिन्द महासागर के इस हिस्से को सुरक्षित करने की भारी जिम्मेदारी उठा रहा है, इसलिए हम जानते है कि हमारा क्षेत्र एक सुरक्षित स्थान होगा।
लेकिन हम इस क्षेत्र में स्थाई स्थिरता और समृद्धि स्थापित करने के लिए व्यापक सोच में साझेदार है।
हमें विश्वास है कि हमारे क्षेत्र के सभी राष्ट्रों को हमारी साझा जिम्मेदारी में सहयोग देने के लिए एकजुट होना चाहिए।
हम अपने क्षेत्र में घनिष्ठ सुरक्षा, आर्थिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और हर व्यक्ति के लिए संबंधों में व्यापक भागीदारी चाहते हैं।
मॉरीशस हिन्द महासागर रिम एसोसिएशन का मेज़बान है, जिसके लिए हम उसके शुक्रगुजार हैं। हमारे दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए आपका नेतृत्व महत्वपूर्ण रहेगा। वैश्विक संस्थानों में आपका दृढ़ समर्थन हमें अपने साझा हितों के बारे में विचार रखने के लिए अधिक मजबूती प्रदान करता है। संयुक्त राष्ट्र ने भारी उथल-पुथल के समय 70वें वर्ष में प्रवेश किया है। हम इस संगठन को सुधारने और आज के युग की जरूरत के अनुसार इसे अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए आपकी मदद चाहते हैं।
मैं 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में जोरदार समर्थन देने के लिए मॉरीशस को धन्यवाद देना चाहता हूं। यह संकल्प रिकॉर्ड समय में अधिकतम देशों के समर्थन से पारित किया गया था।
यह हमारी साझा विरासत को नमन हैं। मैं जानता हूं कि आप इसे मॉरीशस में पूरे जोश के साथ मनाएंगे।
अध्यक्ष महोदया,
एक राष्ट्र के जीवन में एक व्यक्ति के जीवन की तरह ही एक सच्चे दोस्त और शुभचिंतक से भी ज्यादा कोई मूल्यवान और संतुष्टि प्रदान करने वाली चीज नहीं है। उसके मिलन से अधिक कुछ संतोषजनक नही है, उसके विश्वास से अधिक मूल्यवान कुछ भी नही है, उसकी मदद से अधिक कुछ भी आश्वस्त करने वाला नहीं है और उसकी भागीदारी से अधिक बहुमूल्य कुछ भी नही है।
इसलिए हम आपकी मैत्री से अपने आपको सौभाग्यशाली मानते हैं और हमेशा यह कहते हैं कि अगर कोई ऐसा देश है जो हम पर पूरा अधिकार महसूस करता है, तो वह मॉरीशस ही है।
यह हमारे दिलों और भावनाओं का संबंध है, जिन्हें किन्हीं सीमाओं द्वारा कभी भी सीमित नही किया जा सकता।
हम भारत में इसे समृद्ध बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगे। यह संबंध हमारे दोनों देशों के लिए सदैव प्रसन्नता और मजबूती का एक स्रोत बना रहेगा।
यह हमारे क्षेत्र और पूरे विश्व के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण रहेगा।
मैं इस सम्मान के लिए आपको धन्यवाद देता हूं।
मैं एक बार फिर आपको इस राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देता हूं।
बहुत-बहुत धन्यवाद।