प्रधानमंत्री ने आज राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव को भारत में उद्भव हुए धर्मों से संबंधित पुस्तकों का एक सेट उपहारस्वरूप दिया। राष्ट्रपति नजरबायेव 2003 के बाद से अस्ताना के शांति एवं समझौता महल (पैलेस ऑफ़ पीस एंड एकॉर्ड) में विश्व के नेताओं और पारंपरिक धर्मों के धर्मगुरुओं के सम्मलेन का आयोजन करवाते रहे हैं। सेट में गुरु ग्रंथ साहिब का अंग्रेजी अनुवाद एवं दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय की पांडुलिपि संग्रहों से विशेष रूप से तैयार की गई प्रतिकृतियां भी शामिल हैं। प्रतिकृतियों में प्राकृत में लिखित जैन धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक भद्रबाहु का कल्पसूत्र (15वीं सदी); संस्कृत में लिखित बौद्ध धर्म के सबसे महत्वपूर्ण शास्त्रों में से एक अष्टसहस्रिका प्रज्ञापरमिता (12वीं सदी); और नस्तलीक़ लिपि में वाल्मीकि के रामायण (18वीं सदी) का फारसी अनुवाद शामिल है।
My gift to President Nazarbayev is a set of books relating to the religions born in India. https://t.co/Rc4wGb0avE
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2015
The set includes an English translation of Guru Granth Sahib, Bhadrabahu’s Kalpasutra in Prakrit, Ashtasahasrika Prajnaparamita in Sanskrit.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2015
A Persian translation of Valmiki’s Ramayana in nastaliq script is also a part of the set. pic.twitter.com/SEtORKAvLA
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2015