"It is great fortune to be sitting next to such great saints and seers. Their words are 'prasad' and being in their presence is in itself a great honour: Shri Modi"
"Ramdev ji is a teacher who inspires millions every day to take up Yoga: Shri Modi"
"It is our misfortune that we do not talk about our inherent strengths: Shri Modi"
"Ever since I was young, I was pulled towards saints: Shri Modi"
"I don’t believe Baba Ramdev has an agenda. He started out wanting to spread message of health to people, but in the course of his journey, he noticed that the nation's health also needs fixing: Shri Modi"
"Whenever Indian society was being overrun by social evils, it was this society itself, which gave us reformers and champions: Shri Modi"
"My manifesto is the welfare of all -- "Sarve bhavantu sukhinah, sarve santu niramayah”: Shri Modi"
"After the 2002 elections, I had said, those who voted for me are mine, those who did not vote for me are also mine: Shri Modi"
"The work of nation building is being done by saints, we should at least see and acknowledge their work: Shri Modi"
"If 6 cr Gujaratis can lead Gujarat to such success, I am confident that 125 cr Indians can create a great impression in the World: Shri Modi"

देश भर के ४० से अधिक संतों-धर्माचार्यों ने श्री मोदी को दिया कुशल नेतृत्व का आशीर्वाद

नेताओं ने नहीं साधु-संतों ने बनाया है देशः श्री मोदी

बाबा रामदेव ने अभिनंदन पत्र देकर मुख्यमंत्री को किया सम्मानित

विराट जनसमुदाय में छलका उत्साह-उमंग का सागर

जुल्म-दमन से भारत की जनता न झुकी है न झुकेगी

गुजरात में १२ वर्ष से दंगे नहीं हुए हैं

संतशक्ति का प्रभाव समाज को बुराइयों से दूर रखता है

सर्वे सुखीना भवन्तु-सर्वे सन्तु निरामया- मेरे राजनीतिक जीवन का मंत्र है

 

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज हरिद्वार में पतंजली योग पीठ संचालित आचार्यकुलम् शिक्षा संस्थान का उद्घाटन करते हुए २१वीं सदी में विश्व में ज्ञान का नेतृत्व भारत माता करे इसके लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस देश को राजनेताओं ने नहीं बल्कि साधु-संतो और मनीषियों ने बनाया है। हमारी सांस्कृतिक विरासत की शक्ति और सामर्थ्य का स्वाभिमान करने का संकल्प हमें करना होगा।बाबा रामदेव जी द्वारा स्थापित पतंजली योग पीठ में गुरुकुल शैक्षणिक प्रणाली को आत्मसात करने वाले आचार्यकुलम् के उद्घाटन के लिए श्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रण दिया गया था। इस अवसर पर देश के गणमान्य संत एवं आचार्य उपस्थित थे।

आचार्यकुलम् की ओर से प्रशस्ति पत्र इनायत कर बाबा रामदेव ने श्री मोदी का हार्दिक अभिवादन किया। पतंजली योग पीठ में उपस्थित संतगणों के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री ने सत्संग-परामर्श बैठक की। बाबा रामदेव जी ने पतंजली योग पीठ परिसर की विविध संस्थाओं एवं उनकी कार्यप्रवृत्तियों की रूपरेखा श्री मोदी को दी। समारोह में ४० से अधिक प्रसिद्ध संत-आचार्यों ने श्री नरेन्द्र मोदी को आशीर्वाद दिया कि देशवासियों की भावनाएं साकार हो और वे भारत वर्ष का नेतृत्व करें।

संतों के चरणों में बैठने के अवसर को परम सौभाग्य करार देते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष वे कुंभ मेले में शिरकत नहीं कर सके, जिसका उन्हें अफसोस है। बारह वर्ष के गुजरात के शासन के दौरान देश के किसी भी संत पुरुष ने उनसे कुछ भी नहीं मांगा है। ऐसी संतशक्ति की आशीर्वादरूपी वाणी का सामर्थ्य कई गुना बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव जी जैसे संतों की शक्ति यदि किसी अन्य देश में होती तो उनके बारे में अध्ययन-इतिहास गौरवपूर्वक लिखा जाता, लेकिन यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि हमने इस संतशक्ति के अद्भुत सामर्थ्य और हमारी सांस्कृतिक महिमा का स्वाभिमान गंवा दिया है।

श्री मोदी ने कहा कि भारत माता विश्वकल्याणक बनकर रहेगी, ऐसी महर्षि अरविंद और स्वामी विवेकानंद की भविष्यवाणी को पूर्ण करने का सामर्थ्य यह महापुरुष रखते है।हिन्दुस्तान ने जब-जब ज्ञान-युग में प्रवेश किया है तब उसने विश्व नेतृत्व की कमान संभाली है। २१वीं सदी भी ज्ञान-युग की सदी है।

भारत दुनिया का सबसे युवा देश है और सर्वाधिक युवाशक्ति वाले भारत में, सवा सौ करोड़ देशवासियों में इस २१वीं सदी में भारत माता को विश्व गुरु बनाने का सामर्थ्य है, ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया। गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भारत भर में प्रवास करते रहे हैं, लेकिन इस आयोजन के पीछे कोई इरादा नहीं है। देश के भले के लिए भक्तिपूर्वक जूझने और न झुकने के बाबा रामदेव के हौसले की मिसाल पेश करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में पुलिस ने बाबा रामदेव का दमन किया तब श्रीमती राजबाला शहीद हुई थीं। देश के शासकों को उन्होंने चेतावनी दी कि भारत की जनशक्ति जुल्म-दमन से झुकेगी नहीं।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अंग्रेजी सल्तनत भी दमन के जरिए भारत की जनता को झुका नहीं सकी तो यदि आज के शासक यह सोचते हैं कि वे जुल्म-दमन कर बाबा रामदेव जैसे योगी-संतों को झुका सकते हैं तो वे नाकामियाब ही होंगे। श्री मोदी ने कहा कि बाबा रामदेव जी के मुताबिक शासकों ने जितने जुल्म उन पर किये हैं उतने ही अत्याचार मोदी जी पर भी हुए हैं। उन्होंने कहा कि चाहे समाज जैसा भी हो, क्या वे उसे इतिहास की जड़ों से उखाड़ना चाहते हैं।यदि समाज अपनी सांस्कृतिक परंपरा की छाया से दूर होता है तो यह स्वस्थ समाज का लक्षण नहीं है। फिलहाल तो देश के शासक समाज व्यवस्था की दुर्दशा ही कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय समाज एवं सांस्कृतिक परंपरा के भीतर की प्राणशक्ति ही ऐसी है कि जब कभी समाज में बुराई व्याप्त होती है तब उससे समाज को बाहर निकालने के लिए यहीं संतों-मुनियों-आचार्यों ने जन्म धारण कर अपने शक्ति-सामर्थ्य का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि इस देश को राजनेताओं ने नहीं वरन् साधु-संतों एवं मनीषियों ने बनाया है और यही सब शक्तियां एकत्रित होकर भारत माता को विश्व गुरु बनाएंगी। विनाशक भूकंप के बाद तीन वर्ष में ही गुजरात के विकास की पटरी पर दौड़ने का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इसका श्रेय नरेन्द्र मोदी को बिल्कुल नहीं जाता है।

छह करोड़ गुजरातियों के पुरुषार्थ से गुजरात के विकास की देश और दुनिया में शान और पहचान खड़ी हुई है। इस बात को लेकर वे आशावादी हैं कि यदि छह करोड़ गुजरातियों की शक्ति इस स्थिति को बदल सकती है तो सवा सौ करोड़ भारतीयों की ताकत क्या नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक परंपरा का सर्वे सुखीनो भवन्तु, सर्वे सन्तु निरामयाः ही मेरे राजनीतिक जीवन का मंत्र है, जो कर्तव्य मार्ग और मानव विकास का विजन है। इसमें मात्र हिन्दू के कल्याण का मंत्र ही समाहित नहीं है, समग्र विश्व-परिवार-समाज का कल्याणभाव है। भारतीय संस्कृति के संस्कार त्याग कर भोगने का संकल्प है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि २००२ के दंगों के बाद हुए चुनावों में उन्होंने जनता को सार्वजनिक तौर पर अभयम् का मंत्र दिया था। पिछले १२ वर्ष में गुजरात में कोई दंगा नहीं हुआ है। सभी का सुख-सभी की भलाई, यही हमारे संस्कार हैं।उन्होंने कहा कि हमारी मूलभूत वेद-आयुर्वेद की शक्ति के पुनःजागरण की जरूरत है। हमारी संस्कृति के संस्कार मूल्यों की शिक्षा की आवश्यकता है।

आज पतंजली योग पीठ ने आचार्यकुलम् शिक्षा संस्थान शुरू कर और आयुर्वेद का विकास कर जो योगदान दिया है वह भारत की संतशक्ति की परंपरा का गौरव है। श्री मोदी ने भावविभोर होते हुए कहा कि, मुझे किसी पद के लिए संतशक्ति के आशीर्वाद की दरकार नहीं है, बल्कि मुझे ऐसा आशीर्वाद चाहिए जिससे कि मैं कुछ गलत न करुं, मेरे हाथों से किसी का बुरा न हो। जनता-जनार्दन को ईश्वर का रूप करार देते हुए उन्होंने कहा कि हम भारत माता की भक्ति के कर्तव्य में समर्पित हों।

संतों के आशीर्वाद से मिले अभिनंदन पत्र के लिए आभार जताते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह संतशक्ति उनमें सद्गुणों को उजागर करेगी और गलत न करने की शक्ति प्रदान करेगी।इस अवसर पर विराट जनसमुदाय, संतों-महंतों ने मुख्यमंत्री के प्रेरणादायी संबोधन से प्रभावित होकर उनका स्वागत किया।

Shri Modi addresses  the inauguration of Patanjali Yogpeeth's Acharyakulam at Haridwar: Watch Full Program Video