मुख्यमंत्री के नेतृत्व में तीन दिवसीय विराट कन्या केळवणी शाला प्रवेश महोत्सव का समापन आट और तवडी गांवों की सरकारी प्राथमिक शालाओं में अनोखा उत्सव शिक्षा में उदासीनता गुजरात को मंजूर नहीं: मुख्यमंत्री सरकारी प्राथमिक शालाओं का शिक्षण उत्तम बनकर रहेगा
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दसवें कन्या केळवणी और शाला प्रवेशोत्सव के तीन दिवसीय विराट जनाभियान के समापन पर आज कहा कि गुजरात के बालकों के भविष्य के लिए समाज जिम्मेदारी उठाए। शिक्षा के प्रति उदासीनता गुजरात को बर्दाश्त नहीं है।चुनाव के इस वर्ष में वोटों की चिंता किए बिना बालकों के भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी इस सरकार ने उठाई है, देश की ऐसी यह पहली सरकार है। समग्र गुजरात के १८,००० गांवों की ३२,७२२ सरकारी शालाओं में सौ प्रतिशत नामांकन के साथ शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने में समाज की संवेदना उजागर करने के लिए निरंतर दसवें वर्ष श्री मोदी के नेतृत्व में चला यह अभियान आज सम्पन्न हुआ।
आज दक्षिण गुजरात के समुद्रतटीय नवसारी जिले की जलालपोर तहसील के आट और तवडी गांवों में शाला प्रवेशोत्सव के अभूतपूर्व उत्साह में श्री मोदी सहभागी बने और उन्होंने प्राथमिक शाला -आंगनवाड़ी में बालकों का नामांकन करवाया। फल, मिठाई, शैक्षणिक साधनों, स्वच्छता साधनों के किट्स तथा खिलौनों का मुख्यमंत्री ने वितरण भी किया। कन्याओं को साइकिलों का वितरण भी इस मौके पर किया। श्री मोदी ने कहा कि घर की दहलीज लांघ कर बालक जब प्राथमिक शाला की दहलीज पर चढ़ता है तो वह उसकी जिन्दगी का पहला टर्निंग पॉइंट होता है। इसकी भुमिका में श्री मोदी ने कहा कि अभिभावक जब अपनी संतान जीवन संस्कार के लिए शिक्षक को सौंपते हैं तब यह पता चलता है कि शिक्षक और समाज की कितनी बड़ी जिम्मेदारी होती है। आधारभूत शिक्षा की बरसों पुरानी परम्परागत उपेक्षित प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन करके इस सरकार ने दस साल कड़ी मेहनत की है। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि समाज में प्राथमिक शिक्षा के प्रति ममत्व जागे इसके लिए यह तीन दिन का अभियान काफी नहीं है। आगामी पूरा दशक समाज प्राथमिक शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित करे, ऐसा यह सार्थक प्रयास है।वाईब्रेंट गुजरात के हर दो साल में दो दिन ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट की सफलता तो देश और दुनिया ने देखी है मगर हर साल सतत दस वर्ष तक तीन-तीन दिन के कन्या केळ्वणी शाला प्रवेशोत्सव के इस विरात सेवायज्ञ की ओर दुनिया का ध्यान नहीं जाता। एक ईमानदार- अखंड प्राथमिक शिक्षा सुधार का यह परिश्रम यज्ञ इस सरकार ने गुजरात के आनेवाले कल को सुधारने के लिए किया है। .
आजादी के पचास वर्षों तक प्राथमिक शिक्षा के प्रति घोर उदासीनता भूतकाल के शासकों ने की थी। इस दुर्दशा को सुधारने के लिए इस सरकार ने पौने दो लाख शिक्षकों की भर्ती की और शालाओं के ६०,००० कमरे दस वर्ष में बनाए। अब इस पर गुजरात की भव्य इमारत का निर्माण होगा। यह सरकार विकास को समर्पित है और गुजरात की आनेवाली पीढ़ी को शिक्षित बनाना है।
आंगनवाड़ी और प्राथमिक शिक्षा का स्तर उपर लाने के साथ ही केजी से पीजी तक बालक के सम्पूर्ण स्वास्थ्य की सुरक्षा का ध्यान इस सरकार ने रखा है। हजारों गरीब बालकों को लाखों का खर्च करके सरकारी धन से ऑपरेशन किए गए। कुपोषण से मुक्ति के लिए गांव-गांव में समाज की भागीदारी से चेतना जगाई गई है। कुपोषण के खिलाफ जंग कैसे लड़ी जाती है यह गुजरात ने दिखा दिया है। कन्या केळवणी के लिए आई सामाजिक जागृति के लिए श्री मोदी ने इसके लिए मातृश्क्ति को शुभकामनाएं दी।
सरकारी प्राथमिक शालाओं को उत्तम सुविधाएं दी गई हैं ऐसे में शिक्षा का स्तर सुधारने के श्री मोदी ने अपील की। उन्होंने कहा कि गुजरात का बालक मुर्झाया हुआ या बीमार नजर आए यह मंजूर नहीं। श्री मोदी ने कहा कि सरकारी शालाओं में गुणात्मक सुधार लाने के लिए गुणोत्सव अब हर साल आयोजित होगा।
विधायक आरसी पटेल ने भी इस मौके पर विचार रखे। कार्यक्रम में प्रवेशोत्सुक बालकों के परिजन, पदाधिकारिगण और नागरिक मौजूद थे।