कन्या केळवणी और शाला प्रवेश महोत्सव -2012 : दूसरा दिन

अहमदाबाद जिले के वटामण, पच्छम गांव की प्राथमिक स्कूल और आंगनबाड़ी में श्री मोदी ने कराया बच्चों का नामांकन

अब स्मार्ट क्लास के नये अवतार में सरकारी प्राथमिक स्कूल वटामण गांव की सरकारी प्राथमिक स्कूल में स्मार्ट क्लास प्रोजेक्ट का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण

गांधीनगर, शुक्रवार: मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने टेक्नोलॉजी और ऑडियो-विजुअल लर्निंग प्रोसेस के जरिए राज्य की सरकारी प्राथमिक स्कूलों में स्मार्ट क्लास प्रोजेक्ट का लोकार्पण शुक्रवार को अहमदाबाद जिले की धोळका तहसील के वटामण गांव की प्राथमिक स्कूल में किया।

दसवें कन्या केळवणी और शाला प्रवेशोत्सव के विराट जनांदोलन का नेतृत्व कर रहे श्री मोदी ने आज अभियान के दूसरे दिन अहमदाबाद जिले की धोळका और धंधुका तहसील की सरकारी प्राथमिक स्कूल और आंगनबाडिय़ों में बच्चों का नामांकन कराया।

श्री मोदी ने स्मार्ट क्लास रूम के जरिए आधुनिक शिक्षा की पहल राज्य के ग्रामीण इलाकों की सरकारी प्राथमिक स्कूलों में शुरू किये जाने की भूमिका पेश की। उन्होंने कहा कि गांव की सरकारी स्कूलों में 24 घंटे थ्री फेज बिजली और इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध है, लिहाजा इस बदलते दौर में गरीब का बालक भी टेक्नोलॉजी के माध्यम से स्मार्ट क्लास में पढऩे का गौरव ले सकेगा।

वटामण गांव की प्राथमिक स्कूल में मुख्यमंत्री के आगमन से शाला प्रवेश के इस उत्सव में अनोखी चेतना प्रकट हुई। वटामण में स्कूल के नये क्लास रूम का लोकार्पण करने के पश्चात उन्होंने स्मार्ट क्लास लर्निंग एजुकेशन इनोवेशन प्रोजेक्ट का जायजा भी लिया। उन्होंने कहा कि राज्य की 32,772 सरकारी प्राथमिक स्कूलों में तमाम तरह की उत्तम सुविधाएं उपलब्ध हैं। शिक्षा का स्तर ऊंचा रहे इस वास्ते शिक्षक और ग्राम समाज की सामूहिक संवेदना जागृत करने को यह समूची सरकार तपती धूप में 18,000 गांवों में पसीना बहा रही है।

   श्री मोदी ने कहा कि कन्या शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री कीकन्या केळवणी निधि से गरीब परिवारों की 80,000 कन्याओं को साइकिल प्रदान की गई है। इसी तरह कक्षा-1 में दाखिला लेने वाली कन्या को 1000 रुपये का विद्यालक्ष्मी बॉण्ड दिया जाता है, जो कक्षा-7 पास होने पर ब्याज के साथ दोगुना होकर वापस मिलता है। उन्होंने कहा कि राज्य की 13 लाख कन्याओं को 130 करोड़ रुपये के विद्यालक्ष्मी बॉण्ड दिये गए हैं। कक्षा आठवीं में प्रवेश के वक्त इस बॉण्ड की दोगुनी राशि कन्याओं को मिलेगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल शिक्षा और बाल स्वास्थ्य को लेकर इतनी सचेत आजादी के पचास वर्षों में कोई सरकार नहीं रही है। गुजरात के बच्चों के भविष्य को अंधकारमय करने का अक्षम्य पाप भूतकाल की सरकारों ने किया है, लेकिन इसे लेकर कोई दोषारोपण करने के बजाये समग्रतया समाज और सरकार के सामूहिक पुरुषार्थ से प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प उन्होंने जताया।

   उन्होंने कहा कि आलोचनाओं की परवाह किये बिना और नकारात्मक मानसिकता के सामने झुके बगैर यह सरकार दस वर्षों से कन्या केळवणी और शाला प्रवेश का अभियान छेड़े हुए है। सत्ता सुख और पद लोलुपता में रचे-पचे कई नेताओं ने गरीब पिछड़ी जातियों में शिक्षा सुधार की लेश मात्र भी परवाह नहीं की। वजह यह कि, समाज यदि शिक्षित हुआ तो वह उनके स्वार्थी उद्देश्यों के खिलाफ आवाज उठाएगा, जो कि उन्हें मंजूर नहीं था। लेकिन इस सरकार को दस वर्ष पूर्व शिक्षा के क्षेत्र में 20वीं पायदान पर पिछड़े गुजरात की स्थिति को लेकर पीड़ा हुई। और आज दस वर्षों में गुजरात की तमाम प्राथमिक स्कूलों और आंगनबाडिय़ों का रंगरूप बदलकर रख दिया, उनकी गुणवत्ता को उत्तम बनाने का गंभीर प्रयास किया। परिणामस्वरूप शाला प्रवेश सौ फीसदी हुआ है और ड्रॉप आउट दर घट कर महज दो फीसदी रह गई है

पीपळी गांव में दो करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सरकारी माध्यमिक स्कूल का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री ने शिक्षा के जरिए गरीबी, बीमारी और लाचारी के खिलाफ जंग की गुजरात सरकार की प्रतिबद्घता व्यक्त की।

धंधुका तहसील के पच्छम गांव में मुख्यमंत्री ने विशाल महिलाशक्ति से बेटियों को पढ़ाने की प्रेरक अपील की। गांव की कोई संतान अनपढ़ न रह जाए इस ओर ध्यान देने और स्कूल का वातावरण उत्तम बना रहे इसके लिए जागृति की जरूरत पर उन्होंने बल दिया।

वटामण और पच्छम गांव में मुख्यमंत्री ने योग निदर्शन करने वाले बच्चों और अभिभावकों की प्रवृत्ति की सराहना की। इस मौके पर श्री मोदी ने बरसों पूर्व इन गांवों में अपने पुराने संपर्कों की याद ताजा की।