गुजरात के अभ्यास दौरे पर आए भारतीय वन सेवा के ३८ प्रोबेशनरी अधिकारियों ने की मुख्यमंत्री से औपचारिक मुलाकात
गुजरात में वन-पर्यावरण और प्राणी संरक्षण तथा व्यवस्थापन की सफलता से प्रभावित हुए विविध राज्यों के वन सेवा अधिकारी
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से आज भारतीय वन सेवा (इंडियन फॉरेस्ट सर्विस-आईएफएस) के ३८ प्रोबेशनरी अधिकारियों ने औपचारिक मुलाकात की। विविध राज्यों के ये नवनियुक्त प्रोबेशनरी वन सेवा अधिकारी गुजरात के वन संरक्षण और वन्य जीव सृष्टि व्यवस्थापन संबंधी अध्ययन आधारित जानकारी जुटाने के लिए राज्य के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने गिर-सिंह अभयारण्य, सिंह संरक्षण, जामनगर नेशनल मरीन पार्क, घुड़खर अभयारण्य और समुद्र जीव सृष्टि विषयक जानकारी हासिल की।
मुख्यमंत्री ने गुजरात में सिंहों के संरक्षण के लिए उठाए गए संवेदनशील कदमों की भूमिका पेश करते हुए कहा कि सिंह-संवर्धन के प्रयासों में भी जनशक्ति ने अपना सहयोग दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण और वन्य सृष्टि की रक्षा के लिए गुजरात ने जनभागीदारी से सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक वनों के जतन, सामाजिक वनीकरण, समुद्री तटों पर शार्क-व्हेल मछली का संरक्षण, वृक्षारोपण और वृक्षों के जतन के लिए समाजशक्ति को प्रेरित करने तथा यायावर पक्षियों के गुजरात में आवागमन के व्यवस्थापन की रूपरेखा से गुजरात प्रेरणास्त्रोत बना है। नौ महिला अधिकारियों सहित भारतीय वन सेवा के इन प्रोबेशनरी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के साथ सुशासन, जनभागीदारी, विकास, पारदर्शिता, लोकतंत्र में जनता और सरकार का दायित्व और भूमिका समेत अनेक विषयों पर प्रश्नोत्तरी की।
गुजरात के विकास की अनोखी सफलता और समाजशक्ति को उजागर करने में मुख्यमंत्री के नेतृत्व के विविध पहलुओं के विषय में उन्होंने श्री मोदी के साथ संवाद किया। इससे पूर्व वन एवं पर्यावरण विभाग के अग्र सचिव एच.के. दास और राज्य के अग्र मुख्य वन संरक्षक एस.के. गोयल सहित गुजरात वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।