गुजरात में अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव का शानदार प्रारंभ
सूर्य ऊर्जा और जनशक्ति के पुरुषार्थ से गुजरात का विकास वैश्विक उड़ान की नई ऊंचाइयां हासिल करेगाः मुख्यमंत्री
‘पतंग उद्योग और पर्यटन से गरीबों का आर्थिक सशक्तिकरण’
- सेवा बस्ती के बच्चों की सूर्यवंदना ने मोहा सभी का मन
- विकलांग बच्चों की अद्भुत सांस्कृतिक अभिव्यक्ति
- पतंगबाजों, स्पर्धकों और नगरजनों के साथ सहभागी बन मुख्यमंत्री ने उड़ाई पतंग
- २७ देशों और ११ राज्यों के १४७ पतंगबाजों ने दिखाया आसमान में करतब
- साबरमती रिवरफ्रंट पर पतंगोत्सव के प्राकृतिक-सांस्कृतिक पर्व में नगरजनों का अभूतपूर्व उत्साह
- भारत की मकर संक्रांति में गुजरात की वैश्विक उड़ान
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर अहमदाबाद में अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव का शानदार प्रारंभ कराते हुए यकीन जताया कि सूर्य ऊर्जा और जनशक्ति के पुरुषार्थ से गुजरात का विकास वैश्विक उड़ान की नई ऊंचाइयां तय करेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन और पतंग उद्योग से गरीबों का आर्थिक सशक्तिकरण हुआ है।
सूर्य देव की सुनहरी किरणों की जगमगाहट और ठंडी हवाओं के झोंकों के बीच सुबह से ही साबरमती रिवरफ्रंट परिसर में उमड़े पतंग रसिक नगरजनों के उत्साह में श्री नरेन्द्र मोदी सहभागी बनें और मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी।
२७ देशों और ११ राज्यों में से पतंगोत्सव में शिरकत करने पहुंचे पतंगबाजों की रंगारंग परेड और रंगबिरंगे गुब्बारों का निरीक्षण करते हुए श्री मोदी ने कहा कि सूर्यशक्ति की ऊर्जा को विकास की यात्रा में जोड़कर गुजरात ने दुनिया में अपनी अलग पहचान खड़ी की है।
पतंगोत्सव की शुरुआत पर भारत की सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार वंदेस्तुति और वेदपठन से सूर्य उपासना का गान किया गया। अहमदाबाद के श्रमजीवी परिवारों की सेवाबस्ती के प्राथमिक स्कूल में अध्ययनरत २००० बच्चों ने योग निदर्शन के साथ सूर्य नमस्कार कर सभी का मन मोह लिया।
स्वामी विवेकानंद की आज जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विवेकानंद ने आध्यात्मिक शक्ति के जरिए भारतमाता की राष्ट्रभक्ति के लिए युवाओं को प्रेरणा दी। वीर शहीद भगत सिंह हो या विवेकानंद जैसे महापुरुष हमारे लिए आदर्श रहे हैं।
श्रमजीवी परिवारों के बच्चों की शक्ति को उजागर करने में पतंगोत्सव को एक सशक्त माध्यम बताते हुए श्री मोदी ने इन बच्चों के सूर्य नमस्कार की ऊर्जाशक्ति की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं कि उत्सव समग्र मानव समाज के लिए ऊर्जा के समान है और पतंगोत्सव प्रकृति, पर्यटन और पर्यावरण का माध्यम बन गया है। उन्होंने कहा कि गुजरात में तो पतंग का गृह उद्योग अब गरीब परिवारों के लिए आर्थिक प्रवृत्ति का रोजगार का सशक्त साधन बन गया है, जिसके तहत इस उद्योग का ७० फीसदी हिस्सा गरीब परिवारों की महिलाओं को आर्थिक प्रवृत्ति उपलब्ध कराता है। दस वर्ष पूर्व ३०-३५ करोड़ रुपये का पतंग उद्योग आज राज्य सरकार के प्रयासों से ५०० करोड़ रुपये के पार चला गया है जिसका सीधा फायदा गरीब परिवारों को पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास के क्षेत्र में गुजरात सरकार ने साहस के साथ जो अभियान शुरू किया उससे भी गरीबों की रोजी-रोटी को नया बल मिला है और पर्यटन के वैश्विक मानचित्र में गुजरात ने बड़ी शान से अपना स्थान बनाया है। इतना ही नहीं, समग्र देश में जहां पर्यटन विकास की वृद्धि दर ७ फीसदी है, वहीं गुजरात ने दोगुनी यानी की १४ फीसदी की पर्यटन विकास दर हासिल की है।
पतंगोत्सव के अवसर पर विकलांग बच्चों द्वारा पेश किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम की भी उन्होंने प्रशंसा की और उनके बुलंद हौसलों को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने की मंशा जतायी।
पर्यटन मंत्री सौरभभाई पटेल ने कहा कि गुजरात के पतंग की ऊंची उड़ान विकास की प्रेरणास्त्रोत है। भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास ही हमारा ध्येय है। राज्य में पर्यटन प्रवृत्ति को व्यापक बनाने के लिए गुजरात सरकार ने विशेष प्रयास किए हैं।
श्री पटेल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव में २७ देशों और ११ राज्यों के पतंगबाज भाग ले रहे हैं। गुजरात में जीवन एक उत्सव है। वर्ष की शुरूआत पतंगोत्सव से और अंत रणोत्सव से होता है।
उन्होंने कहा कि गुजरात के पर्यटन विभाग ने ४१०० गाइड तैयार किए हैं जो देश-विदेश के सैलानियों को राज्य के पर्यटन वैविध्य की जानकारी से अवगत कराएंगे। पर्यटन मंत्री ने कहा कि ८५ हजार से भी ज्यादा सैलानियों ने रणोत्सव का लुत्फ उठाया है जबकि सापुतारा में पैराग्लाइडिंग का रोमांच उठाने वालों की संख्या १५०० से भी अधिक रही है।
पतंगोत्सव में भारत, अफगानिस्तान, घाना, इंडोनेशिया, चीन, रेटोनिया, मोजाम्बिक, श्रीलंका, फ्रांस, केन्या, मलेशिया, जापान, मंगोलिया, यूके, न्यूकेन, वियतनाम, जिम्बाब्वे, म्यांमार और नेपाल सहित अनेक देशों के पतंगबाजों ने भाग लिया है।
कार्यक्रम में मनपा स्कूलों के २००० से अधिक बच्चों ने सूर्य नमस्कार का निदर्शन पेश किया जबकि ऋषि कुमारों ने आदित्य नारायण की स्तुति से कार्यक्रम का प्रारंभ किया।
इस अवसर पर गुजरात विधानसभा के उपाध्यक्ष मंगुभाई पटेल, मंत्रिगण श्रीमती आनंदीबेन पटेल, रमणलाल वोरा, भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, सांसद एवं विधायकगण सहित बड़ी संख्या में पतंग प्रेमी उपस्थित थे।