अहमदाबाद के हाईवे पर स्थित टी स्टॉल पर बैठक कर ‘सुशासन’ विषय पर की प्रश्नोत्तरी
टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत के विभिन्न 1000 स्थलों पर चाय की दुकानों पर बैठे हजारों नागरिकों के साथ श्री मोदी ने की चर्चा
वर्तमान स्थिति में शासक पर से देश की जनता का टूट चुका भरोसा प्रस्थापित करने के लिए सुशासन की अनूभूति करवाने का संकल्प
- चाय भारत का राष्ट्रीय पेय है
- चाय की दुकान है, लोकचर्चा की चौपाल
- ‘चाय पर चर्चा’ - भारतीय लोकतंत्र में जन-जन के साथ विभिन्न चर्चाओं का प्रयोग सफल
भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र में शासन पर से जनता का भरोसा टूट जाने की वर्तमान परिस्थिति को गम्भीर संकट बतलाते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनता का भरोसा पुनर्स्थापित करने के लिए सुशासन की अनुभूति का साक्षात्कार करवाने के लिए वह कृतसंकल्प हैं।
अहमदाबाद के एसजी हाईवे पर ‘चाय पर चर्चा’ के अभिनव प्रयोग द्वारा देश की आम जनता के साथ संवाद करने की श्री नरेन्द्र मोदी के सार्वजनिक जीवन में नवीनतम पहल का आज बुधवार को प्रारम्भ हुआ।
श्री नरेन्द्र मोदी टेक्नोसेवी हैं और उनके प्रेरक मार्गदर्शन के तहत भारत के सार्वजनिक जीवन में किसी राजनैतिक नेता द्वारा चाय की स्टॉल पर जनता के बीच बैठकर विभिन्न विषयों पर चर्चा करने का एक नया और ऐतिहासिक कीर्तिमान गुजरात ने स्थापित किया है। आज के प्रथम प्रयोग की चर्चा का विषय उन्होंने सुशासन, गुड गवर्नेंस रखा था और टेक्नोलॉजी के विभिन्न पांच माध्यमों द्वारा सुशासन विषय के लिए देशभर में से आम नागरिकों से सवाल पूछने और सुझाव देने के साथ ही अनुभव साझा करने का आमंत्रण दिया गया था। देश के 300 विभिन्न शहरों में 1000 चाय की दुकानों पर एकत्र हुए हजारों लोगों ने ‘चाय पर चर्चा’ में भाग लेकर श्री नरेन्द्र मोदी से पूछे गए सवालों के जवाब जाने।
चाय हमारा राष्ट्रीय पेय है और चाय की दुकान आम नागरिकों के लिए चर्चा की चौपाल है। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि मैने बचपन में रेलवे के डिब्बे में चाय बेचने वाले आम नागरिक की बातें जानी हैं।
चाय की दुकान पर जनता अनेक विषयों पर अपना अभिप्राय देती है, समस्या के सुझाव पर चर्चा करती है और एक प्रकार से ‘चाय पर चर्चा’ लोकसभा का रूप है।
श्री मोदी ने कहा कि ‘चाय पर चर्चा’ के इस प्रथम एपिसोड की सफलता के चलते अन्य स्थलों पर पर भी चाय के दुकानों पर जाएंगे और विभिन्न विषयों पर जनता के साथ संवाद करेंगे। उनकी समस्याएं सुनेंगे, सुझाव, निराकरण जानेंगे। प्रत्येक मौके पर करीब 1000 स्थलों पर टेक्नोलॉजी द्वारा यह चर्चा जीवंत रहेगी।
आज के प्रथम प्रयोग में हजारों आम नागरिकों ने समस्याएं भेजी हैं और भाग लिया है। उनको शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि चाय की दुकान इसलिए पसन्द की गई है कि चाय की दुकान गरीबतम व्यक्ति के लिए रोजीरोटी का साधन है और जन-मन की बातचीत का केन्द्र है।
आज के ‘चाय पर चर्चा’ के प्रथम प्रयोग में ‘सुशासन’ विषय पर भारत के विभिन्न शहरों, गांवों से पूछे गए आम जन के सवालों के जवाब श्री मोदी ने दिए।
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि महात्मा गांधीजी ने हमें स्वराज दिलवाया मगर उसे सुराज्य में नहीं ले जाया जा सका है और पिछले एक दशक में तो देश में ऐसी मनस्थिति कुशासन (बेड गवर्नेंस) के कारण हुई है की जनता का शासन व्यवस्था पर से भरोसा ही उठ गया है।
सवा सौ करोड़ देशवासियों में अपने ही द्वारा चुनी हुई सरकार पर से भरोसा उठ जाए तो यह लोकतंत्र के सामने बड़ा संकट है। शरीर बाहर से भले कितना ही स्वस्थ क्यों ना दिखता हो मगर एक बार उसमें डायबिटीज का रोग घुस जाए तो वह अनेक बीमारियों का शिकार बन जाता है और कुशासन में इस प्रकार की विकृतियां प्रवेश कर जाए तो यह देश को बर्बादी की ओर ले जाता है। श्री मोदी ने कहा कि वर्तमान में ऐसी ही स्थिति है और इसलिए जनता का भरोसा शासन व्यवस्था पुन:स्थापित करने के लिए सुशासन की अनुभूति करवाने के लिए वह करवाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र में लोकशिक्षा का पर्व है और सभी राजनैतिक पार्टियों को जनता के समक्ष अपनी बात रखनी चाहिए, समझानी चाहिए और लोगों की बात समझनी चाहिए। इस उद्देश्य को लेकर ‘चाय पर चर्चा’ का टेक्नोलोज़ी के माध्यम द्वारा इस नवीन लोकशिक्षन की पहल की है। इसके द्वारा वह देश के 2 करोड़ लोगों के साथ सम्पर्क कर सकेंगे।