प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने काठमांडू में चल रहे सार्क शिखर सम्मेलन से इतर पांच द्विपक्षीय बैठकें कीं। उन्होंने ये पांच बैठकें उन्होंने भूटान के प्रधानमंत्री श्री शेरिंग तोबगे, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री सुश्री शेख हसीना, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर अशरफ गनी, श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री महिंदा राजपक्षे और मालदीव के राष्ट्रपति श्री अब्दुल्ला यामीन के साथ कीं।

बैठकों में अधिकांश चर्चा सार्क शिखर सम्मेलन के कार्यक्रमों और वक्तव्यों पर केंद्रित रही।

द्विपक्षीय बैठकों के दौरान विभिन्न सरकारों के प्रमुखों ने सार्क शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री के वक्तव्य और उनके प्रगतिशील दृष्टिकोण की प्रशंसा की। बैठक में प्रधानमंत्री की सार्क सेटेलाइट संबंधी पहल को भी सराहा गया। कुछ देशों ने इस तरह के सैटेलाइट से आगे के विचार भी साझा किए। इन बैठकों में प्रधानमंत्री द्वारा सौर ऊर्जा पर दिए गए जोर की भी उत्साह के साथ सराहना की गई।

बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव ने प्रधानमंत्री को फिर से अपने देश आने का निमंत्रण दिया। प्रधानमंत्री ने भी इस बात पर जोर दिया कि सार्क देशों के साथ मजबूत संबंध कायम करना उनकी प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने भूटान के प्रधानमंत्री श्री शेरिंग तोबगे को जनवरी माह में भारत आने और साथ ही गुजरात वाइब्रेंट सम्मेलन का हिस्सा बनने का निमंत्रण दिया।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. अफरफ गनी को भी भारत आने का न्यौता दिया।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अगले महीने श्रीलंका और मालदीव जाएंगे। इन यात्राओं के दौरान समुद्री सुरक्षा प्रमुख एजेंडा होगा।

बैठक के दौरान भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों ने आतंकवाद और सुरक्षा के मुद्दे पर विस्तृत रूप से विचारों का आदान-प्रदान किया, जिससे दोनों देश प्रभावित होते हैं।

नेपाल के काठमांडू में हुए 18वें सार्क सम्मेलन के दौरान श्री नरेंद्र मोदी ने सार्क नेताओं से साथ सार्थक बैठकें कीं।

बांग्लादेश:

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भूटान:

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अफगानिस्तान:

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श्रीलंका:

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मालदीव: