मुख्यमंत्री का सद्भावना मिशन : पालीताणा

पूर्व की सरकारें विकास को वोट बैंक की राजनीति से मापती थी लेकिन हम विकास के मापदंड ऊपर लाए: मुख्यमंत्री

श्री मोदी की केन्द्र सरकार को चुनौती : देश के गांव और किसानों का हित चाहते हो तो गुजरात जैसी कृषि विकास दर लाकर दिखाओ

6000 नागरिकों ने स्वेच्छा से किया उपवास

अहमदाबाद, शुक्रवार: मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वह गांवों का, खेती का और किसान का वास्तव में भला चाहती है तो देश की कृषि विकास दर गुजरात की 11 प्रतिशत जितनी लाकर दिखाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र की पूरी सल्तनत कृषि विकास के लिए किसानों को सपने दिखाती रही है। अगर सच्ची नीयत और ताकत हो तो गुजरात जैसा कृषि विकास कर के दिखाए। हमें तो विकास करना है, जिन्हे गाली-गलौज करनी है करते रहें।

मुख्यमंत्री के सद्भावना मिशन के संकल्प के तहत जिलों में 36 उपवास का अभियान अब पूर्णता की ओर है। आज पालीताणा की पावन तीर्थभूमि पर सद्भावना की शक्ति का दर्शन करवाने भावनगर जिले से भारी भीड़ उमड़ी और करीब छह हजार नागरिकों ने मुख्यमंत्री के साथ स्वेच्छा से उपवास किए।

एक ही महीने में भावनगर जिले का यह तीसरा दौरा होने के बावजूद जनता की प्रेम वर्षा बढ़ती ही गई है। इसे सौभाग्य मानते हुए श्री मोदी ने कहा कि, 50 वर्ष तक देश में विकास के नाम पर बेतरतीब व्यवस्था चलती रही, लेकिन जनता की समस्याएं और मुसीबतें बढ़ती रहीं। पूर्व की सरकारें चुनकर पांच वर्ष तक एक-एक काम करती थी और चुनाव आते थे तब टुकड़े फेंकती थीं। लेकिन गुजरात में ऐसी सरकार आई है जो समस्या का पूर्ण निदान करती है।

गरीबलक्षी 20 सूत्रीय कार्यक्रम मूल रूप से कांग्रेस का था। परन्तु दस वर्ष से लगातार अकेला गुजरात इसका अमल कर के पहले नंबर पर आता है। जबकि प्रथम पांच क्रम में कांग्रेस शासित एक भी राज्य नहीं है। श्री मोदी ने कहा कि गरीबों के लिए इन लोगों की भावना कैसी है, यह इसका जीता-जागता उदाहरण है। पंचायत से पार्लियामेंट तक एकछत्र शासन था उस केन्द्र सरकार के प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ही कहते थे कि सरकार की तिजोरी में से गरीबों के लिए निकला एक रुपया उनके हाथों में पहुंचते-पहुंचते 15 पैसा रह जाता था। श्री मोदी ने कहा कि कौन सा पंजा गरीबों का यह पैसा छीन लेता था? उन्होंने कहा कि हमने इसका रास्ता निकाला और यह है गरीब कल्याण मेला। हमने बिचौलियों को दूर किया। गरीब लाभार्थियों की सूची गांव-गांव में घूमकर तैयार की। गरीबों की योजनाओं का बजट इकट्ठा किया और सार्वजनिक तौर पर गरीब लाभार्थी को बुलाकर गरीब कल्याण मेलों के माध्यम से उनको मिलने वाले हक के 8 हजार करोड़ के लाभ सीधे बांट दिए।

श्री मोदी ने कहा कि भूतकाल में घरविहीन गरीबों को प्लॉट के लिए गांव के सुदूर क्षेत्रों में ऐसी जगह दी जाती थी जहां मकान किस तरह से बनाकर रहें, यह बात गरीब को समझ में नहीं आती थी। हमने बीपीएल सूची के 0-16 पॉइन्ट के शत-प्रतिशत गरीब घरविहीन लोगों को जमीन के प्लॉट दे दिए। सभी आवास योजनाओं के मकान बनाने की सहायता के मापदंडों में सुधार किया। आज 0 से 16 बीपीएल पॉइन्ट वालों को आवासीय प्लॉट मिल चुके हैं और अब 17 से 20 पॉइन्ट के बीपीएल धारक को घर का घर देने का अभियान चलाया है। श्री मोदी ने कहा कि हमने लाखों विधवा महिलाओं को मात्र पेंशन ही नहीं दी बल्कि उन्हें स्वावलंबी जीवन जीने का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार उपलब्ध करवाया है। हर व्यक्ति को विश्वास है कि यही राज्य सरकार हमारा भला करेगी, इसलिए वह इस सरकार को समर्थन देते रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गुजरात सांप्रदायिक दंगों, कफ्र्यू और जातिवाद जैसी समस्याओं से मुक्त बना है। हमनें युवाओं को प्रशिक्षण देकर हुनर-कौशल्य से रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। गांव की गरीब महिलाओं को मिशन मंगलम के माध्यम से आर्थिक गतिविधियां चलाने के लिए 1400 करोड़ रुपयों का कारोबार सौंपा है और यही है हमारी सरकार के मंत्र-सबका साथ सबका विकास की सफलता। श्री मोदी ने कहा कि गुजरात की किसी भी दिशा में आप चले जाइये, 25 किलोमीटर के दायरे में विकास का कोई न कोई काम चलता नजर आएगा। इतने विराट विकास यज्ञ के लिए ही हमने सरकार की तिजोरी पर किसी का पंजा नहीं पडऩे दिया। हमने कोई नया टैक्स लगाए बगैर विकास में इतनी ऊंचाई हासिल की।

भावनगर जिले की आर्थिक उन्नति और समृद्घि का युग फिर से आएगा, इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भावनगर का समुद्र तो पहले भी था लेकिन लोगों की नीयत विकास की नहीं थी। हमने विकास लोगों के बीच जाकर कर दिखाया है। मुख्यमंत्री ने सद्भावना मिशन के उपवास की अंतिम कड़ी में लाखों लोगों की ओर से मिल रहे समर्थन पर आभार जताया।

आगामी रविवार को मुख्यमंत्री के सद्भावना मिशन का अंतिम पड़ाव अंबाजी होगा।