सहायक सचिवों के रूप में अपने विदाई सत्र के हिस्से के रूप में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2014 बैच के अधिकारियों ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सामने विवरण पेश किए।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी), स्वच्छ भारत, ई-कोर्ट, पर्यटन, स्वास्थ्य और शासन में उपग्रह का इस्तेमाल जैसे विषयों पर अधिकारियों द्वारा शासन के विभिन्न तथ्यों पर आठ चुनिंदा प्रस्तुतियां पेश की गईं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सारगर्भित विवरणों के लिए युवा अधिकारियों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि सहायक सचिवों के रूप में केन्द्र सरकार के साथ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की संलग्नता को एक ऐसे तंत्र के रूप में मान्यता रही है, जिससे युवा और अनुभव के सम्मिश्रण का सर्वोत्तम परिणाम मिले। उन्होंने कहा कि आज की प्रस्तुति के परिणामों से उन्हें संतोष हुआ है कि यह दृष्टिकोण वास्तविकता के मार्ग पर बेहतर है।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से मांग करते हुए कहा कि वे सामूहिक उत्साह की भावना समाहित करें और नए कीर्तिमान की दिशा में काम करें, चाहे वे जिस पद पर सेवा कर रहे हों।
यह कहते हुए कि नीति पर राजनीति कभी हावी न हो, प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकारी अपनी निर्णय प्रक्रिया में इन दो मानकों का इस्तेमाल करें: (क) कोई निर्णय राष्ट्रीय हित के विरुद्ध न हो, और (ख) कोई निर्णय निर्धनतम व्यक्ति को नुकसान न पहुंचाए।