आणंद : 298 समरस ग्राम पंचायतों-सरपंचों का अभिवादन समरस गांव के संकल्प से गुजरात ने लोकतंत्र का उत्तम स्वरूप देश को प्रदान किया है : मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने प्रदान किए 7.30 करोड़ के प्रोत्साहक पुरस्कार

गांधीनगर, शुक्रवार: मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सर्वसम्मति से ग्राम पंचायतों का चुनाव कर बने समरस सरपंच और समरस ग्राम पंचायतों को 7.30 करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रोत्साहक पुरस्कार आज आणंद में प्रदान किए। श्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि समरस ग्राम पंचायत के संकल्प को विशाल प्रतिसाद देकर ग्रामीण समाज ने उत्तम लोकतंत्र का मार्ग दिखलाया है। समरस गांव की प्राथमिक शाला ए ग्रेड की कैसे नहीं हो सकती? यह संकल्प पूर्ण करने का सरपंचों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि, संध्या के समय गांव के युवा-बाल पीढ़ी भारतीय खेल खेलें तो गांव में नई ऊर्जा और प्राण शक्ति पनपेगी।

समरस ग्राम पंचायतों को विकास के लिए विशेष प्रोत्साहक अनुदान देने की प्रेरक योजना के तहत आज आणंद में मध्य जोन के 7 जिलों की समरस ग्राम पंचायतों के सरपंचों का मुख्यमंत्री ने गर्मजोशी से स्वागत किया। अहमदाबाद, आणंद, खेड़ा, वड़ोदरा, दाहोद, पंचमहाल और सुरेन्द्रनगर जिलों को मिलाकर कुल 298 समरस ग्राम पंचायतों और सरपंचों को 7.30 करोड़ रुपये के प्रोत्साहक पुरस्कार श्री मोदी ने प्रदान किए। गुडी पड़वा के पुनित मौके पर क्रांतिकारी शहीदों सुखदेव, भगत सिंह और राजगुरु के शहादत दिवस पर देशभक्ति के वातावरण में इन ग्राम पंचायतों को पुरस्कार मिला।

गुजरात के ग्राम पंचायत के समरस अभिगम का अभ्यास करने के लिए महाराष्ट्र से आणंद पहुंचे सरपंचों का स्वागत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि चुनाव जीतने का मिजाज और समस्त प्रतिनिधि एक होकर सर्वसम्मति से चुने जाएं तो इसका मिजाज अलग ही होता है। आम तौर पर गांव में चुनाव के झगड़ों को लेकर पीढ़ीयों तक संघर्ष चलता था। इस बरबादी से गांवों को बचाने के लिए समरस ग्राम पंचायत का अभिगम गुजरात में लागू किया गया है, जिसको भारी समर्थन मिल रहा है, यह कोई छोटी घटना नहीं है। पूरे गांव का भरोसा हासिल करना बड़ी उपलब्धि है। श्री मोदी ने सरपंचों का आह्वान किया कि पांच वर्ष तक इतना बढिय़ा प्रशासन चलाएं कि लोग उन्हें याद करें।

गुजरात ने समरस ग्राम पंचायत के अभिगम से गांव में लोकतंत्र का उत्तम स्वरूप देश को दिया है। समरस गांव में सरकारी सेवा कर्मियों को साथ रखकर गांव के भले के लिए सामूहिक शक्ति से पंचायत के तमाम सदस्य और गांव के प्रतिनिधि मिलकर काम करें जिससे गांव नंदन वन बनें।

गांव में कोई बालक कुपोषित नहीं रहे, कोई बेटी निरक्षर न रहे और किसी गांव में गंदगी नही रहे, ऐसा संकल्प साकार करने की श्री मोदी ने अपील की। उन्होंने कहा कि समरस सरपंच चाहे तो पूरे गांव की सूरत बदल सकता है। गरीब परिवारों के सशक्तिकरण की अनेक सरकारी योजनाएं हैं, इसका लाभ उठाने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि, दस वर्ष पहले गुजरात में सिर्फ चार गांव ही निर्मल थे जबकि उनकी संख्या अब 6000 हो चुकी है जो ग्राम शक्ति की बदौलत हुई है।

इस मौके पर पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रजनीकांत पटेल ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में पंचायत मंत्री नरोत्तमभाई पटेल, शिक्षा मंत्री रमणलाल वोरा, स्वास्थ राज्य मंत्री परबतभाई पटेल, आदिजाति विकास राज्य मंत्री जशवंतसिंह भाभोर, उप सचेतक अंबालाल रोहित, सांसद स्मृति ईरानी, मनसुखभाई मांडविया, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लीलाबेन अंकोलिया, विधायक ज्योत्सनाबेन पटेल, शिरीष शुक्ल, जिला पंचायतों के अध्यक्ष, पूर्व सांसद दीपकभाई पटेल, अग्र सचिव संगीता सिंह सहित अनेक महानुभाव मौजूद थे।