केंद्र सरकार 2016-17 बजट सत्र में घोषित नेशनल अकादमिक डिपॉसिटरी स्थापित करेगी
नेशनल अकादमिक डिपॉसिटरी में स्कूल लर्निंग सर्टिफिकेट और डिग्रीओं को डिजिटली स्टोर किया जाएगा

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शैक्षणिक निक्षेपागार(एनएडी) की स्थापना और संचालन को मंजूरी दे दी है। इस फैसले का उद्देश्य डिजिटल इंडिया को एक और आयाम देना है।

अगले तीन महीनों में एनएडी की स्थापना कर दी जाएगी और इसी के साथ इसका संचालन शुरू हो जाएगा। इसका संचालन 2017-18 से शुरू होगा।

इस साल फरवरी में केंद्रीय वित्त मंत्री के 2016-17 के बजट भाषण में डिजिटल निक्षेपागार की स्थापना करना भी शामिल था। इसके जरिये उच्च शिक्षा के लिए सर्टिफिकेट, डिग्री पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाएगा।

एनएडी का संचालन एनएसडीएल डाटाबेस मैनेजमेंट लिमिटेड(एनडीएमएल) और सीडीएसएल वेंचर्स लिमिडेट (सीवीएल) के जरिये किया जाएगा। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड अनिधिनम के तहत दोनों कंपनियां पंजीकृत हैं।

ये शैक्षणिक संस्थान अपलोड किए गए डेटा की प्रामाणिकता के लिए खुद ही जिम्मेदारी होंगे। डिपॉजिटरीज एनएडी में डेटा की सुरक्षा को सुनिश्चित होगी। एनएडी शैक्षणिक संस्थानों, बोर्डों, निकायों की योग्यता, छात्रों एवं सत्यापित करने संबंधी अन्य कार्यों, सरकारी एजेंसियों एवं अकादमिक संस्थानों को पंजीकृत करेगा।

यह छात्रों या अन्य अधिकृत उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा सुविधाओं के साथ अकादमिक पुरस्कार की एक मुद्रित या डिजिटल प्रतिलिपि प्रदान करेगा। अधिकृत यूजर्स द्वारा अनुरोध किए जाए पर एनएडी ऑनलाइन एकेडमिक अवॉर्ड को सत्यापित करेगा।

छात्रों की सहमित के बाद ही नियोक्ता या अकादमिक संस्थान अकादमिक पुरस्कार का उपयोग कर पाएंगे।

एनएडी सूचनाओं की प्रमाणिकता, उसकी सुरक्षा व गोपनीयता को बनाए रखेगा। साथ ही यह अकादमिक संस्थानों, बोर्डों, योग्य निकायों को इस संबंध में प्रशिक्षित भी करेगा।