प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक सभा में मंगलवार को राष्ट्रपति के संबोधन पर धन्यवाद ज्ञापन को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि किताबों के अंदर बंद इतिहास कभी भी समाज को प्रेरित नहीं कर सकता। हर युग में इतिहास को जीने का प्रयास होते रहना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘जब 1857 की स्वाधीनता संग्राम के वक्त कांग्रेस का जन्म भी नहीं हुआ था उस वक्त भी लोग देश के लिए अपनी जान देते थे। कमल तब भी था और आज भी है।’
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